मां तेरो वो अनकहे सा अनछुए सा एहसास ही काफी है ... तू पास रही परछाई सी वह एहसास ही काफी है..... मीठी-मीठी मध्यम सी तेरी बातें मेरे मन को भा जाती है... कभी तू जो बनकर परछाई मेरे सपनों में आ जाती ...
मां तेरो वो अनकहे सा अनछुए सा एहसास ही काफी है ... तू पास रही परछाई सी वह एहसास ही काफी है..... मीठी-मीठी मध्यम सी तेरी बातें मेरे मन को भा जाती है... कभी तू जो बनकर परछाई मेरे सपनों में आ जाती ...