pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

माँ नहीं मिलती दोबारा

4.6
11240

मृत्यु का इंतजार मृत्यु से भी भयावह होता है, लेकिन इतनी जल्दी? 'ड्राइवर गाड़ी तेजी से चलाओ।' जबकि ड्राइवर अपनी ओर से गाड़ी भगा ले जा रहा था ।मुझे कुछ भी नही सूझ रहा था। दिल में दर्द की टीस -सी उठ ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
सुरेखा शर्मा

डा.सुरेखा शर्मा (पूर्व हिन्दी/संस्कृत विभागाध्यक्ष) सदस्या -नीति आयोग, समीक्षक /स्वतन्त्र लेखन. पच्चास से अधिक कहानियां,आलेख,व्यंग्य, कविताएं, नाटक आदि विभिन्‍न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित । दो कहानी संग्रह, बाल कविता,बाल एकांकी का प्रकाशन । सम्प्रति -कादम्बिनी क्लब गुड़गांव संचालिका

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manisha Bisht
    07 अक्टूबर 2016
    रुला देने वाली कहानी,,
  • author
    Damini Singh
    12 अक्टूबर 2017
    meri mummy bhi mujhe chhod kar Chali gyi h... isi tarah beemari se jujhate hue ... is Kahaani ne mujhe apne beete hue Lamhe yaad dila diya... bahut achha likha h aapne... meri aankho me aansu aa gye...
  • author
    Tripty Shri
    31 जनवरी 2018
    ये शब्दशः मेरी भावनाएं हैं ....बस मेरी माँ 51 की थी ...हर बात जैसे मैंने महसूस किया ...
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manisha Bisht
    07 अक्टूबर 2016
    रुला देने वाली कहानी,,
  • author
    Damini Singh
    12 अक्टूबर 2017
    meri mummy bhi mujhe chhod kar Chali gyi h... isi tarah beemari se jujhate hue ... is Kahaani ne mujhe apne beete hue Lamhe yaad dila diya... bahut achha likha h aapne... meri aankho me aansu aa gye...
  • author
    Tripty Shri
    31 जनवरी 2018
    ये शब्दशः मेरी भावनाएं हैं ....बस मेरी माँ 51 की थी ...हर बात जैसे मैंने महसूस किया ...