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लोकमान्य‍ की विजय

4.5
1397

कवि-श्रेष्‍ठ मिल्‍टन की उक्ति है कि शान्तिकाल की विजय युद्धकाल की विजयी से कम नहीं होती। हमारा विचार है कि शान्तिकाल की विजय अधिक स्‍थायी, अधिक गौरवप्रद और अधिक वास्‍तविक होती है। शान्तिकाल की विजय ...

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लेखक के बारे में

जन्म : 26 अक्टूबर, 1890, अतरसुइया, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) भाषा : हिंदी विधाएँ : पत्रकारिता, निबंध, कहान मुख्य कृतियाँ गणेशशंकर विद्यार्थी संचयन (संपादक - सुरेश सलिल) संपादन : कर्मयोगी, सरस्वती, अभ्युदय, प्रताप निधन 25 मार्च, 1931 कानपुर

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ankit Pandey
    03 அக்டோபர் 2018
    अति सुंदर
  • author
    Ramesh Saini
    08 ஜூன் 2018
    good
  • author
    Dinesh Dubey
    29 ஆகஸ்ட் 2017
    uttam lekhan
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    Ankit Pandey
    03 அக்டோபர் 2018
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    Ramesh Saini
    08 ஜூன் 2018
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    Dinesh Dubey
    29 ஆகஸ்ட் 2017
    uttam lekhan