प्रेम, जिसकी एक व्यवस्थित परिभाषा देना तो मुश्किल है ही, उसे यदि एक व्यवस्थित भावना में भी बाँधा जाय, तो भी उसके साथ अन्याय ही होगा| आज उम्र के चालीसवें वर्ष में यदि प्रेम की बात करूँ, तो वह उम्र के ...
प्रेम, जिसकी एक व्यवस्थित परिभाषा देना तो मुश्किल है ही, उसे यदि एक व्यवस्थित भावना में भी बाँधा जाय, तो भी उसके साथ अन्याय ही होगा| आज उम्र के चालीसवें वर्ष में यदि प्रेम की बात करूँ, तो वह उम्र के ...