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लो सफर शुरू हो गया

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ज़िंदगी के एक शोर से बाहर आकर  सुरीली दो पल खुद को पहचानने, खुद के साथ जीने निकल पड़ी थी | बाहर से तो वो खुद को संभाले थी लेकिन मन में बीते किरदार अब भी झलक दे रहे थे| मां, पापा और बहन के साथ आज ...