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लाइसेंस

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अब्बू कोचवान बड़ा छैल-छबीला था। उसका तांगा-घोड़ा भी शहर में नंबर वन था। वह कभी मामूली सवारी नहीं बिठाता था। उसके लगे-बंधे गाहक थे, जिनसे उसको रोजाना 10-15 रुपए वसूल हो जाते थे, जो उसके लिए काफ़ी थे। ...

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लेखक के बारे में
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सआदत हसन मंटो

सआदत हसन मंटो ,( जन्म:11 मई, 1912, समराला, पंजाब; मृत्यु: 18 जनवरी, 1955, लाहौर) कहानीकार और लेखक थे। मंटो फ़िल्म और रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    22 സെപ്റ്റംബര്‍ 2017
    वह अक्सर महसूस करती वह खुद को बेचती नहीं लेकिन चुपके से लोग खरीद लेते..वाह जवाब नहीं मंटो का
  • author
    Amrit Sahoo
    06 ജൂലൈ 2018
    नीति ने लाइसेंस लेकर समाज को मार दिया जो उसके जीविका के बीच मे आ रही थी और यह कहानी उस समाज का मुर्दा लाश है। बेहतरीन मंटो🙏
  • author
    Priyanka Roy
    02 ആഗസ്റ്റ്‌ 2018
    इनके उपर समीक्षा लिखें यह हमारे बस में नहीं,,,,,,
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    22 സെപ്റ്റംബര്‍ 2017
    वह अक्सर महसूस करती वह खुद को बेचती नहीं लेकिन चुपके से लोग खरीद लेते..वाह जवाब नहीं मंटो का
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    Amrit Sahoo
    06 ജൂലൈ 2018
    नीति ने लाइसेंस लेकर समाज को मार दिया जो उसके जीविका के बीच मे आ रही थी और यह कहानी उस समाज का मुर्दा लाश है। बेहतरीन मंटो🙏
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    Priyanka Roy
    02 ആഗസ്റ്റ്‌ 2018
    इनके उपर समीक्षा लिखें यह हमारे बस में नहीं,,,,,,