pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

लग्नाचा गाठी स्वगा्ऀत जुडून येताथ.हे खर: आहे 🌹भाग्य दिले तू मला🌹

1

🌹भाग्य दिले तू मला!🌹 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 प्रेम तू कसा असावा..तुझा रूप कसा असावा..; हे सर्व जयेश ची भेठ झाल्यावर कलाला!* 🌹प्रेम का कोई रूप नहीं!    प्रेम कोई आकार नहीं!        प्रेम तो प्रेम हैं!   दो ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Monika Jayesh Shah

दिल की बात दिल की कलम से..

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है