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हिन्दी

भरी सभा में

4.9
172

भरी सभा में यहाँ बात नहीं हो रही, महाभारत के समय की उस कुख्यात सभा की, जहाँ भरी सभा में द्रौपदी का जब चीरहरण हुआ, और कोई विरोध स्वर नहीं उठा सभा में, और अंधो के साथ आँखो वाले भी ...

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लेखक के बारे में

हरदीप सबरवाल पंजाबी यूनीवर्सिटी से सनातकोत्तर है, उनकी रचनाऐं विभिन्न ऑनलाइन और प्रिंट पत्रिकाओं में जैसे The Larcenist , Zaira Journal, The Writers Drawer, Quail Bells, NY Literary Magazine, Literary Yard, Alive, जनकृति इंटरनैशनल मैगजीन दिल्ली पत्रिका, और कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई है. २०१४ में उनकी कविता HIV Positive को Yoalfaaz best poetry competition में प्रथम स्थान मिला। 2015 में उनकी कविता The Third Desire इस प्रतियोगिता में द्वितीय आई। दिसम्बर 2015 में उनकी कविता The Refugee's Roots को The Writers Drawer International poetry contest में दूसरा स्थान मिला. हिन्दी में उनकी कविताओं पायट्री सोसाईटी आफ इडिंया के काव्य संग्रह अमलताश के शतदल (2015 की सर्वश्रेष्ठ कविताऐं) में प्रकाशित हुई , जून 2016 मे उनकी कहानी "The Swing" ने The Writers Drawer short story contest 2016 में तीसरा स्थान जीता . पायट्री सोसाईटी अाफ इंडिया के काव्य संग्रह 'ढाई आखर प्रेम' में भी उनकी कविताऐं प्रकाशित हुई. अमेरिका की The Circus of Indie Artist ( Anthology of poems and Short stories) में भी इनकी रचनाऐं प्रकाशित हुई.

समीक्षा
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  • author
    14 ഫെബ്രുവരി 2019
    bahut achha
  • author
    Tejwan Oraon
    12 മെയ്‌ 2020
    बेहद सुन्दर रचना । प्रस्तुति भी लाजवाब । यह शायद वर्तमान सामाजिक और न्यायिक व्यवस्था को एक करारा तमाचा है । मुझे बहुत अच्छी लगी ।
  • author
    Jagat Mahto
    25 ജനുവരി 2020
    भरी सभा में आपने सभी की पोल खोल दिये सर जी । बहुत बढ़िया ।।
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    14 ഫെബ്രുവരി 2019
    bahut achha
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    Tejwan Oraon
    12 മെയ്‌ 2020
    बेहद सुन्दर रचना । प्रस्तुति भी लाजवाब । यह शायद वर्तमान सामाजिक और न्यायिक व्यवस्था को एक करारा तमाचा है । मुझे बहुत अच्छी लगी ।
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    Jagat Mahto
    25 ജനുവരി 2020
    भरी सभा में आपने सभी की पोल खोल दिये सर जी । बहुत बढ़िया ।।