तुम अपने किरदार को कितना भी संवार लो, अपनों की मानसिकता से कैसे बच पाओगे? जिसे मित्र-सा सच्चा समझा, वही पीठ पीछे शत्रु-सा वार करेगा। तब बताओ—अपने चरित्र को कैसे सुरक्षित रख पाओगे? कैसे उस दर्द को ...
तुम अपने किरदार को कितना भी संवार लो, अपनों की मानसिकता से कैसे बच पाओगे? जिसे मित्र-सा सच्चा समझा, वही पीठ पीछे शत्रु-सा वार करेगा। तब बताओ—अपने चरित्र को कैसे सुरक्षित रख पाओगे? कैसे उस दर्द को ...