क्या तुम्हें याद है उस दिन की वो हसीं शाम .....! जब तेरे साथ चंद पलों को जिया था जब लहरों की अठ्केलिओं को एक दूजे के मन से निहारा था जब तेरे कंधे पर सर रख कर डूबते सूरज को देखा था ..... डूबते सूरज ...

प्रतिलिपिक्या तुम्हें याद है उस दिन की वो हसीं शाम .....! जब तेरे साथ चंद पलों को जिया था जब लहरों की अठ्केलिओं को एक दूजे के मन से निहारा था जब तेरे कंधे पर सर रख कर डूबते सूरज को देखा था ..... डूबते सूरज ...