पहले कॉलेज के दोस्त-यारों का रोज़ का छेड़ना, फिर रतिका का ज़लील करना, और अब माँ का भी अपने बेटे को न पहचान पाना प्रियांक पर ज़बरदस्त असर कर गया. वो टूट कर बिखर गया और इतना बिखरा की बटोरना मानो असम्भव ...
पहले कॉलेज के दोस्त-यारों का रोज़ का छेड़ना, फिर रतिका का ज़लील करना, और अब माँ का भी अपने बेटे को न पहचान पाना प्रियांक पर ज़बरदस्त असर कर गया. वो टूट कर बिखर गया और इतना बिखरा की बटोरना मानो असम्भव ...