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क्या क्या देखना

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क्या क्या देखना हमें पड़ गया है। दिल यहीं पर  आ के अड़ गया है। इतनी बेतकल्लुफी से न बात करो ध्यान हर किसी का उखड़ गया है। खूबसूरती इतनी भी किस काम की जिसने देखा , हो वो  जड़ गया है। बेवफाई क्या है , ...

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लेखक के बारे में
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surinder kaur

मेरा परिचय और उपलब्धियाँ मेरा नाम सुरिंदर कौर है।मैं एक रिटायर अध्यापिका हूं । साहित्य से मेरा लगाव है। लिखना मेरा शौक है। मै अमृतसर पंजाब की रहने वाली हूं मेरी कवितायें अमर उजाला और पंजाब केसरी की वेबसाइट पर ,और दैनिक वर्तमान अंकुर समाचार पत्र में प्रकाशित होती रहती है। इसके इलावा"दैनिक विजय दर्पण टाईम्ज़,मेरठ और "मातृभाषा.काम,वैचारिक महाकुंभ"में भी मेरी कवितायें प्रकाशित होती रहती है। मैं पंजाबी भाषा में भी कवितायें लिखती रहती हूं। मेरी एक ebook "विरह के रंग" "वर्जिन साहित्यपीठ द्वारा प्रकाशित हुई है। https://youtube.com/@surinderblackpen धन्यवाद जी। सुरिंदर कौर

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