एकदम से नहीं मर जाता पेड़ सांस छोड़ता है, आंख भर ताकता है आसमान को टहनियां पटकता है जोर जोर से जमीन पर आखिरी हिचकी के साथ गश खाकर गिरता है तब मरता है पेड़। धीरे धीरे सिमटती है छाया तेजी से बिखरती हैं ...
एकदम से नहीं मर जाता पेड़ सांस छोड़ता है, आंख भर ताकता है आसमान को टहनियां पटकता है जोर जोर से जमीन पर आखिरी हिचकी के साथ गश खाकर गिरता है तब मरता है पेड़। धीरे धीरे सिमटती है छाया तेजी से बिखरती हैं ...