pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

कुपमंडुक

0

कुपमंडुक की आँखों से तुम मत देखो ये अंतहीन दुनिया, जिसमे सब रंग एक नहीं पर हो जाता सब एक ही है; छिछला खुरदुरा खार भिंगा और शायद फिलसन भरा, हर सतह का विवरण एक नहीं पर हो जाता सब एक ही है। खुशबू ...