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कुदरत का पलटवार

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कुदरत का पलटवार मानवता भी इंसानो का है रंग बिरंगा दरिया  मछलियों की तरह पेट की लड़ाई है अपना भी जीने का ज़रिया   आते धरती पर मचा कर हम शोर  सोचते ही नहीं जीवन होगा कितना कठोर    कूद कर समाज मैं बन ...

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Nikhil Jaisingh
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