pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

कुछ घंटे नर्मदा के किनारे

4.0
2938

दिल्ली में रहते हुए मैं राष्ट्रीय राज मार्ग - 8 से पूर्णतः परिचित हूँ। जीवन के अनेक अध्यायों से भी परिचित हो चुका हूँ। लोग सिद्धांतों की बातें करते हुए ‘बीती ताहि बिसार दे’ की बातें करते हैं, मगर ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

लेखन जिसके लिए संजीवनी है, पढ़ना असंख्य मनीषियों की संगति, किताबें मंदिर और लेखक उस मंदिर के देव-देवी। कठकरेज’ (कहानी संग्रह) तथा मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली से ‘जिनगी रोटी ना हऽ’ (कविता संग्रह), 'सम्भवामि युगे युगे' (लेख-संग्रह) व 'ऑनलाइन ज़िन्दगी' (कहानी संग्रह) प्रकाशित हो चुकी है। साझा काव्य संग्रह ‘पंच पल्लव’ और 'पंच पर्णिका' का संपादन भी किया है। वर्ण-पिरामिड का साझा-संग्रह ‘अथ से इति-वर्ण स्तंभ’ तथा ‘शत हाइकुकार’ हाइकु साझा संग्रह में आ चुके हैं। साहित्यकार श्री रक्षित दवे द्वारा अनुदित इनकी अट्ठाइस कविताओं को ‘वारंवार खोजूं छुं’ नाम से ‘प्रतिलिपि डाॅट काॅम’ पर ई-बुक भी है। आकाशवाणी और कई टी.वी. चैनलों से निरंतर काव्य-कथा पाठ प्रसारित होते रहने के साथ ही ये अपने गृहनगर में साहित्यिक संस्था ‘संवाद’ का संयोजन करते रहे हैं। इन्होंने हिंदी टेली फिल्म ‘औलाद, लघु फिल्म ‘लास्ट ईयर’ और भोजपुरी फिल्म ‘कब आई डोलिया कहार’ के लिए पटकथा-संवाद और गीत लिखा है। ये अबतक लगभग तीन दर्जन नाटकों-लघुनाटकों का लेखन और निर्देशन कर चुके हैं। वर्तमान में कई पत्रिकाओं के संपादक मंडल से जुड़े हुए हैं। साल 2002 से हिंदी शिक्षण और पाठ्यक्रम निर्माण में संलग्न हैं तथा वर्तमान में दिल्ली परिक्षेत्र में शिक्षण-कार्य करते हुए स्वतंत्र लेखन करते हैं। ये विश्व-पटल पर छात्रों को आॅनलाइन हिंदी पढ़ाते हैं। राजापुरी, उत्तम-नगर, नई दिल्ली

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    rashmi vyas
    30 अगस्त 2018
    जी हां, नर्मदा (रोवा) माँ का अपना ही महत्त्व और आनंद हैं । ईश्वर करे आप को एक बार फिर माँ नर्मदा के दर्शन हो। हर हर नर्मदे🙏
  • author
    Uma Vaishnav "Uma"
    02 मार्च 2018
    nice
  • author
    Yogesh Gill
    03 जुलाई 2023
    कभी कभी जीवन में कई पल ऐसे आते है जिन्हे हम चाहकर भी नही भूल पाते है चाहे वो पल कुछ क्षण भर के ही क्यों ना हो।। यही तो जिंदगी है। यादों का भरा हुआ टोकरा।।🙏🙏
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    rashmi vyas
    30 अगस्त 2018
    जी हां, नर्मदा (रोवा) माँ का अपना ही महत्त्व और आनंद हैं । ईश्वर करे आप को एक बार फिर माँ नर्मदा के दर्शन हो। हर हर नर्मदे🙏
  • author
    Uma Vaishnav "Uma"
    02 मार्च 2018
    nice
  • author
    Yogesh Gill
    03 जुलाई 2023
    कभी कभी जीवन में कई पल ऐसे आते है जिन्हे हम चाहकर भी नही भूल पाते है चाहे वो पल कुछ क्षण भर के ही क्यों ना हो।। यही तो जिंदगी है। यादों का भरा हुआ टोकरा।।🙏🙏