1) चिट्ठी डाल देती हूँ मैं हर रोज एक चिठ्ठी उनके इनबॉक्स में, वो आते हैं पढ़ते हैं और अनदेखा कर गुजर जाते हैं हम सोचते रहते हैं हमसे क्या उनको थोड़ा प्यार नहीं, उनके लब के दो शब्दों के लायक भी हमारा ...
1) चिट्ठी डाल देती हूँ मैं हर रोज एक चिठ्ठी उनके इनबॉक्स में, वो आते हैं पढ़ते हैं और अनदेखा कर गुजर जाते हैं हम सोचते रहते हैं हमसे क्या उनको थोड़ा प्यार नहीं, उनके लब के दो शब्दों के लायक भी हमारा ...