अपने घर में अपनी इच्छा से, चाहे जितनी देर तक, चाहे जितनी मात्रा में, चाहे जितना रुपया खर्च कर शराब पी रहे हो तुम... कोई रोक टोक नहीं.... कोई डांट फटकार नहीं... कोई नहीं है जो तुम्हारा हाथ अपने ...
अपने घर में अपनी इच्छा से, चाहे जितनी देर तक, चाहे जितनी मात्रा में, चाहे जितना रुपया खर्च कर शराब पी रहे हो तुम... कोई रोक टोक नहीं.... कोई डांट फटकार नहीं... कोई नहीं है जो तुम्हारा हाथ अपने ...