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कृष्ण सुदामा संवाद -१

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*सुनो कान्हा!* सुंदर तेरी डगर मगर कान्हा! मुझें आना नहीं। मुझें खाना है साथ भात पर मुझें महलों में जाना नहीं। दिक्कतों का है अम्बार भार पर कान्हा! तुझे बतलाना नहीं। भूल गए? मुझसे जान पहचान बाल सखा ...

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prakash parashar
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