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क्रांति ऐसे नहीं आएगी

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आप कसमसाते रहेंगे आपके देखते-देखते आप गुलाम बना लिये जाएंगे आपकी बुद्धिजीविता आपके कुछ भी काम न आएंगी चंद सहानुभूति के बोलों के साथ आपके कानों में ये बातें जरूर आयेंगी कि कोई बात नहीं अब किया ही ...

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Rakesh Kumar Srivastava
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