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कोई उन्हें समझाए

3.9
628

जब कभी वो कहते हैं ,थोडा आराम कर लो।थक जाती होगी।सुबह रोज घुमने जाना ,फिर एक्सरसाइज।फिर घर का काम। मैं ,हैरत से उनका चेहरा देखती हूँ।बस इतने से घुमने से कोई थकता है ? हम तो थकना ही चाहते हैं।पर ...

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लेखक के बारे में
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नीता राठौर

नीता राठौर .... केवल फॉलो न करें बल्कि अपनी प्रतिक्रियाएं भी दें। आप की अमूल्य प्रतिक्रियाएं, आलोचना, समालोचना, सराहना, प्रोत्साहन ही मुझे नव सृजन के लिए प्रेरित करता है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Abhishekh Kumar "Abhi"
    24 फ़रवरी 2019
    thodi kuch jagah sentence hard hue aur beech beech mein kam Mann hua ki read karoon yeh story.
  • author
    मल्हार
    26 मई 2019
    बहुत बेहतरीन 👌👌👌💐💐💐
  • author
    29 अप्रैल 2019
    very good
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    Abhishekh Kumar "Abhi"
    24 फ़रवरी 2019
    thodi kuch jagah sentence hard hue aur beech beech mein kam Mann hua ki read karoon yeh story.
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    मल्हार
    26 मई 2019
    बहुत बेहतरीन 👌👌👌💐💐💐
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    29 अप्रैल 2019
    very good