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किस्सा रूप बसंत (भाग १)

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किस्सा रूप बसंत उत्तर भारत के कई राज्यों में न्यूनाधिक प्रचलित कथा है जो नाट्य, नौटंकी, सांग के रूप में मंचित किया जाता है । शुरुआत होती है एक चिड़े और चिड़िया के घोंसले से ।

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लेखक के बारे में
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हरि ओम शर्मा

रिटायर्ड बैंकर हास्य, और चिंतन

समीक्षा
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  • author
    11 अगस्त 2020
    बहुत ही सुंदर लिखा है आपने महोदय वैसे मुझे इस विषय में विस्तार से पता लगाना था यह कथा विस्तार से पढ़ने की मेरी बहुत इच्छा थी संयोगवश ही सही मेरी यह इच्छा शायद पूरी हो जाएगी रूप बसंत के विषय में मैंने सुना था और उनकी बहुत ही छोटी सी कथा मैंने सुनी किंतु कथा सुनकर ऐसा लगा कि शायद इसे बड़े विस्तार से लिखा होता तो कदाचित उचित होता इसी की तलाश में मैं हमेशा रहता था गूगल वगैरह पर भी बहुत बार सर्च किया किंतु कोई परिणाम सामने नहीं आया आज यह रचना पढ़कर बहुत अच्छा लगा इसी प्रकार लिखते रहें धन्यवाद
  • author
    11 अगस्त 2020
    चन्द्रसेन भूपाल थे, चन्द्रपुर रजधानी। रूप बसंत द्वि पुत्र थे, रूपवती सुजानी। बहुत ही मार्मिक कहानी है,रानी जो चिडा परिवार में देखती है उसकी मृत्यु के बाद वैसा ही रूप बसंत के साथ होता है।
  • author
    अंजलि
    11 अगस्त 2020
    मैंने भी ये लोक कथा सुनी है ,लेकिन बहुत साल पहले ,पुनः पढ़के बहुत अच्छा लगेगा । बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सर् जी आगे के भाग का इंतजार😊 सादर प्रणाम🙏🙏
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    11 अगस्त 2020
    बहुत ही सुंदर लिखा है आपने महोदय वैसे मुझे इस विषय में विस्तार से पता लगाना था यह कथा विस्तार से पढ़ने की मेरी बहुत इच्छा थी संयोगवश ही सही मेरी यह इच्छा शायद पूरी हो जाएगी रूप बसंत के विषय में मैंने सुना था और उनकी बहुत ही छोटी सी कथा मैंने सुनी किंतु कथा सुनकर ऐसा लगा कि शायद इसे बड़े विस्तार से लिखा होता तो कदाचित उचित होता इसी की तलाश में मैं हमेशा रहता था गूगल वगैरह पर भी बहुत बार सर्च किया किंतु कोई परिणाम सामने नहीं आया आज यह रचना पढ़कर बहुत अच्छा लगा इसी प्रकार लिखते रहें धन्यवाद
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    11 अगस्त 2020
    चन्द्रसेन भूपाल थे, चन्द्रपुर रजधानी। रूप बसंत द्वि पुत्र थे, रूपवती सुजानी। बहुत ही मार्मिक कहानी है,रानी जो चिडा परिवार में देखती है उसकी मृत्यु के बाद वैसा ही रूप बसंत के साथ होता है।
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    अंजलि
    11 अगस्त 2020
    मैंने भी ये लोक कथा सुनी है ,लेकिन बहुत साल पहले ,पुनः पढ़के बहुत अच्छा लगेगा । बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सर् जी आगे के भाग का इंतजार😊 सादर प्रणाम🙏🙏