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किराएदार

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वो हमारी इन नज़रों में समाया है इस तरह, जैसे किसी मकान में कोई किराएदार बसता है........ हमारा दिल उस वक्त खुशी से झूमने लगता है, जब वो हमारी महफ़िल में हमें देखकर हंसता है....... -मनीष कुमार ...

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MANISH SAINI

कलम और कागज़ के साथ अपना समय बेकार करता हूं..... मैं तो शायर हूं जनाब, शब्दों का व्यापार करता हूं.....

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