कहानी ... कि हरदौल आते हैं मनीष वैद्य हम विस्मय से सुनते हैं साँस थामकर। रात की ख़ामोशी को तोड़ते हुए दूर कहीं से मामी की आवाज़ गिरती है। वह काँच की तरह गिरती है और किरच-किरच पूरे कमरे में बिखर जाती ...
कहानी ... कि हरदौल आते हैं मनीष वैद्य हम विस्मय से सुनते हैं साँस थामकर। रात की ख़ामोशी को तोड़ते हुए दूर कहीं से मामी की आवाज़ गिरती है। वह काँच की तरह गिरती है और किरच-किरच पूरे कमरे में बिखर जाती ...