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ख्वाहिश नहीं मुझे (कविता)

4.6
66

मुंशी प्रेमचंद की यह दिल को छू जाने वाली कविता है। एक सबक का पाठ पढ़ाती है। ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की, आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है। अच्छे ने अच्छा और, बुरे ने बुरा जाना मुझे, क्यों ...

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लेखक के बारे में
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Prof INDU SINGH

भूतपूर्व प्रवक्ता विवेकानन्द डिग्री कॉलेज, हैदराबाद (अलग-अलग विद्यालयों एवं कॉलेज में लगभग 12 वर्षों का शिक्षण अनुभव)

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Girdhari Paliwal
    11 ആഗസ്റ്റ്‌ 2024
    बहुत अच्छा लगा
  • author
    Jitendra Mishra
    07 ജനുവരി 2022
    बेहतरीन
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    Girdhari Paliwal
    11 ആഗസ്റ്റ്‌ 2024
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    Jitendra Mishra
    07 ജനുവരി 2022
    बेहतरीन