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खुशी की तलाश।

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सोंचा अपनी किस्मत को आजमाऊं, थोड़ा सा दुनिया में नाम कमाऊं। कुछ भी हो ....,थोड़ा या ज्यादा, खुद के दम पर पाऊँ। कोई जान ना पाएगा यूँ तो मेरी अहमियत, कहीं इस दुनिया से यूँ ही रुखसत ना हो जाऊँ। ...

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सविता गोयल

जो मन में आता है बस लिख देती हूँ। अच्छा या बुरा ये तो पढने वालों पर निर्भर करता है। 😊

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