मेरे हिस्से की ख़ुशी आप लाये हैं आज ! लेकिन चाहत हमें तो कल तलक थी तुमने रंग बदला भी तो जाने कब हमने तो झपकी भी न पलक थी वो शख्स ज़रा सी ज़मीं भी न पा सका वो शख्स जिसकी ख्वाहिश फ़लक़ थी हमारा बच्चों की ...
मेरे हिस्से की ख़ुशी आप लाये हैं आज ! लेकिन चाहत हमें तो कल तलक थी तुमने रंग बदला भी तो जाने कब हमने तो झपकी भी न पलक थी वो शख्स ज़रा सी ज़मीं भी न पा सका वो शख्स जिसकी ख्वाहिश फ़लक़ थी हमारा बच्चों की ...