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खुल कर जिया जाएं मौशकि में 🇨🇮

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खुल जाएं अगर हवा की सिरहन क्यों दुरियां तुम तक आज हुं तों पता कर लोगे मैं कल न रहा मुझे कहां तराशा करोंगे तुम ही तक श्वास गिन रहा हुं मैं तलाश तुझ तक हैं फिर क्यों यादों में 🇨🇮 लफ्ज़ ख़ोज रहा हुं ...