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खुल जा सिमसिम

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4.6

के. आ रही थी। मेज पर उसका पत्र खुला पड़ा है। वही लिखावट है जिसे मैं आँखें बंद कर उँगलियों के स्पर्श मात्र से पहचान सकता हूँ। बिना कॉमे, फुलस्टॉप के लिखी जानेवाली के. की लिखावट। वह पत्र नहीं लिखती, ...