ये झूट है मगर इसे हर दफा लिखूंगा में पढ़ सके ये जमाना सारा इतना सफा लिखूंगा में के तुम बदले थे कब से सुन रही हैं ये दुनिया आज इस नज़्म मे खुद को बेवफा लिखूंगा में तुमने मनाया होगा में ही नही माना ...
ये झूट है मगर इसे हर दफा लिखूंगा में पढ़ सके ये जमाना सारा इतना सफा लिखूंगा में के तुम बदले थे कब से सुन रही हैं ये दुनिया आज इस नज़्म मे खुद को बेवफा लिखूंगा में तुमने मनाया होगा में ही नही माना ...