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खेळ मांडला🥺

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लघुकथाडी वेदांत

कुछ महीने पहले एक कबूतर हर रोज मेरे  रूम की बाल्कनी के चक्कर लगा रहा था शायद कुछ ढूंढ रहा था और ये सिलसिला कुछ दिनो तक यूंही चलता रहा, फिर एक दिन उस कबूतर के साथ एक और कबूतर आया शायद उसकी  ...

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डी. वेदांत
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