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खंडहर

4.3
68311

बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज का स्टूडेंट था | अपने कॉलेज की ओर से हम सभी कैम्प के लिए एक जंगल में गए थे | हलकी ठंढ थी ; अत: रात में हम सबने पूरी रात कैम्प – फायर के साथ डांस करने ,गाने आदि का ...

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लेखक के बारे में

स्टूडेंट @ स्टडी हॉल , लखनऊ

समीक्षा
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  • author
    Voice of tales
    06 ജൂലൈ 2018
    एक आर्मी का जवान मरने के बाद भी अपने कर्तव्य को नहीं भूलता और उसी निष्ठा के साथ उसका पालन भी करता है। हमारे अमर शहीदों की सदैव् ही जय है।
  • author
    आशिष पण्डित
    02 ഡിസംബര്‍ 2017
    सैनिक कभी किसी का बुरा नही करते।
  • author
    Vivek Malik
    30 നവംബര്‍ 2018
    बहुत उम्दा... कहानी का शीर्षक आर्मी हॉस्पिटल भी हो सकता था।
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    Voice of tales
    06 ജൂലൈ 2018
    एक आर्मी का जवान मरने के बाद भी अपने कर्तव्य को नहीं भूलता और उसी निष्ठा के साथ उसका पालन भी करता है। हमारे अमर शहीदों की सदैव् ही जय है।
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    आशिष पण्डित
    02 ഡിസംബര്‍ 2017
    सैनिक कभी किसी का बुरा नही करते।
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    Vivek Malik
    30 നവംബര്‍ 2018
    बहुत उम्दा... कहानी का शीर्षक आर्मी हॉस्पिटल भी हो सकता था।