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बात 2003 के अक्टूबर की है। हमलोग प्रतिवर्ष दशहरा के अवकाश में कहीं-न-कहीं भ्रमण पर निकल जाते हैं। यह भ्रमण एकल तो कत्तई नहीं होता। सामूहिकता का अलग ही आनन्द होता है। इस बार भी ड्राइवर को लेकर हम दस ...