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केन के पुल पर

4.3
1602

बात 2003 के अक्टूबर की है। हमलोग प्रतिवर्ष दशहरा के अवकाश में कहीं-न-कहीं भ्रमण पर निकल जाते हैं। यह भ्रमण एकल तो कत्तई नहीं होता। सामूहिकता का अलग ही आनन्द होता है। इस बार भी ड्राइवर को लेकर हम दस ...

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लेखक के बारे में

लेखन जिसके लिए संजीवनी है, पढ़ना असंख्य मनीषियों की संगति, किताबें मंदिर और लेखक उस मंदिर के देव-देवी। कठकरेज’ (कहानी संग्रह) तथा मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली से ‘जिनगी रोटी ना हऽ’ (कविता संग्रह), 'सम्भवामि युगे युगे' (लेख-संग्रह) व 'ऑनलाइन ज़िन्दगी' (कहानी संग्रह) प्रकाशित हो चुकी है। साझा काव्य संग्रह ‘पंच पल्लव’ और 'पंच पर्णिका' का संपादन भी किया है। वर्ण-पिरामिड का साझा-संग्रह ‘अथ से इति-वर्ण स्तंभ’ तथा ‘शत हाइकुकार’ हाइकु साझा संग्रह में आ चुके हैं। साहित्यकार श्री रक्षित दवे द्वारा अनुदित इनकी अट्ठाइस कविताओं को ‘वारंवार खोजूं छुं’ नाम से ‘प्रतिलिपि डाॅट काॅम’ पर ई-बुक भी है। आकाशवाणी और कई टी.वी. चैनलों से निरंतर काव्य-कथा पाठ प्रसारित होते रहने के साथ ही ये अपने गृहनगर में साहित्यिक संस्था ‘संवाद’ का संयोजन करते रहे हैं। इन्होंने हिंदी टेली फिल्म ‘औलाद, लघु फिल्म ‘लास्ट ईयर’ और भोजपुरी फिल्म ‘कब आई डोलिया कहार’ के लिए पटकथा-संवाद और गीत लिखा है। ये अबतक लगभग तीन दर्जन नाटकों-लघुनाटकों का लेखन और निर्देशन कर चुके हैं। वर्तमान में कई पत्रिकाओं के संपादक मंडल से जुड़े हुए हैं। साल 2002 से हिंदी शिक्षण और पाठ्यक्रम निर्माण में संलग्न हैं तथा वर्तमान में दिल्ली परिक्षेत्र में शिक्षण-कार्य करते हुए स्वतंत्र लेखन करते हैं। ये विश्व-पटल पर छात्रों को आॅनलाइन हिंदी पढ़ाते हैं। राजापुरी, उत्तम-नगर, नई दिल्ली

समीक्षा
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  • author
    Niti Pateriya
    02 मई 2022
    sir mai Banda se hi hu or aj apka article padh ke proud ho rha he kyuki sab hmare Banda ko bura bhala kahte he or mai sun ke rah jati hu kabhi to javab de dete hu par choti bachhi samjh ke sab ignore kar dete hai kyunki mai abhi keval 15 years ki hu but I like very much your article ❤️ dubara jarur aiye ga😊
  • author
    Vikrant Chourasia
    28 अगस्त 2018
    अच्छा यात्रावृत्तांत था सर,मैं भी पन्ना से हूँ,फिलहाल छत्तीसगढ़ में हूँ यादें ताज़ा हो गयी मेरे गाँव की।।।
  • author
    Manu Shrivastav
    25 सितम्बर 2018
    sir next time aao to chhatarpur v aana ...bheem kund or jatashanka ke darshan krne
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    Niti Pateriya
    02 मई 2022
    sir mai Banda se hi hu or aj apka article padh ke proud ho rha he kyuki sab hmare Banda ko bura bhala kahte he or mai sun ke rah jati hu kabhi to javab de dete hu par choti bachhi samjh ke sab ignore kar dete hai kyunki mai abhi keval 15 years ki hu but I like very much your article ❤️ dubara jarur aiye ga😊
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    Vikrant Chourasia
    28 अगस्त 2018
    अच्छा यात्रावृत्तांत था सर,मैं भी पन्ना से हूँ,फिलहाल छत्तीसगढ़ में हूँ यादें ताज़ा हो गयी मेरे गाँव की।।।
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    Manu Shrivastav
    25 सितम्बर 2018
    sir next time aao to chhatarpur v aana ...bheem kund or jatashanka ke darshan krne