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कविता मेरी सखी है।

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कविता मेरी सखी ***************** नयन नीर जब, नदियों से विजयी हो जाता है। सुखद स्मृतियां जब,विरह तमस मे खो जाती हैं । उस घोर तमस को जो हर लेता है वह प्रकाश पुंज,वह दिया, कविता मेरी सखी है विरह वेदनाओं ...

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