कार्तिक मास की पूर्णिमा का दिन था । शांत नीले आसमान में चांद अपनी धवल चांदनी बिखेर कर यह संदेश दे रहा था कि प्रेम चांदनी की तरह निर्मल, धवल, शांत, सौम्य और सरल है । जिस तरह चांदनी जन कल्याणकारी ...
कार्तिक मास की पूर्णिमा का दिन था । शांत नीले आसमान में चांद अपनी धवल चांदनी बिखेर कर यह संदेश दे रहा था कि प्रेम चांदनी की तरह निर्मल, धवल, शांत, सौम्य और सरल है । जिस तरह चांदनी जन कल्याणकारी ...