जो अपने पैरों पर खड़ा है, समझो ज़माने से लड़ा है l हद है जिसे कहते हो बड़ा है रक्तपिपाशु वह मद के नद में खड़ा हैl जो अपनी दुशवारियों से अड़ा है जान देकर भी मैदान में पड़ा है l पेड़ चाहे जितना भी हरा है ...

प्रतिलिपिजो अपने पैरों पर खड़ा है, समझो ज़माने से लड़ा है l हद है जिसे कहते हो बड़ा है रक्तपिपाशु वह मद के नद में खड़ा हैl जो अपनी दुशवारियों से अड़ा है जान देकर भी मैदान में पड़ा है l पेड़ चाहे जितना भी हरा है ...