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कस्तूरी - खौफ या सुगंध 9

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4.8

"घनश्याम! ये करना ठीक तो रहेगा न?" त्रिलोक ने अकेले में घनश्याम से पूछा "मेरे हिसाब से यही सही रहेगा, इतने साल बीत चुके है और अब वो पहले की तरह घबराया हुआ भी नहीं रहता और न ही अब उसे लापता या मरे हुए लोगों की आवाजे सुनाई देती है। ये उसके इलाज का आखरी पड़ाव होगा। ट्रेन में सफर करने के बाद भी अगर वो सामान्य रहता है तो इसका मतलब वो पूरी तरह ठीक हो चुका है और फिर मुझे इस तरह बहाने बना कर तुम्हारे घर आने की जरूरत भी नहीं रह जाएगी।" "तुम्हें ऐसा लगता है तो ठीक है... मैं भी साथ चलूं?" "समझ सकता हूँ ...