pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

कशिश तेरे प्यार की

12
5

चौहान निवास में शांति पसरी हुई थी मगर शांति सुख दायक  नहीं बल्कि शौक से भरा हुआ था। उसी घर के एक कमरे में एक 50 की उम्र की औरत arm resting chair पर बैठी थी। उनके चहरे पर गुस्से के भाव थे। आंखें ...