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"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन"

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"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन" अपना काम करो, फल की चिंता मत करो! यह बात अपने आसपास के लोगों से आपने बहुत बार सुनी होगी, है न? उनसे यदि पूछें कि ऐसा किसने कहा है 🤔, तो उनका जवाब होगा, "अरे! ...

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लेखक के बारे में
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काशु सिंह

"KaShu Singh isn’t just a name – it’s a journey of love, trust, and togetherness. From two hearts to one soul, we share moments, memories, and emotions with you all. Thank you for being a part of our story — your presence makes our world more beautiful."

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