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कर्म

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कर्म से नर नर कहलावे डॉ भोला दत्त जोशी आदर्श जीवन हेतु प्यारे सतत् क्रियाशील बने रहो जो जल बहता रहता है, बस वही जल सदैव पेय अहो। कर्म से नर नर कहलावे निष्क्रिय तुम मत बने रहो परोपकार अध्यापन कार्य ...

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लेखक के बारे में

डॉ भोला दत्त जोशी जन्म 11-03-1966 माता श्रीमती चंद्रा जोशी पिता श्री पूर्णानन्द जोशी शिक्षा एम फिल ( दिल्ली विश्वविद्यालय ), डी लिट ( अमेरिकी केंद्रीय विश्वविद्यालय ) सम्प्रति - केंद्रीय विद्यालय संगठन में शिक्षण प्रकाशित किताबें - अनन्त की ओर, प्रेरणा के स्वर, श्रद्धांजलि, घरौंदा , राह तलाशती आंखें , नई किरणें, मन के गीत , सुभाषित कोश , पत्राचारिक हिन्दी , Anthology( विविध साहित्य ) , बासठ मोती , प्रेरक कहानियां , Inspiring Stories , Pearl of good thoughts, Inspiring Stories 2 , 6 सांझा प्रकाशन , 2 पुस्तकें प्रकाशक के अधीन, एक विज्ञान की अनूदित पुस्तक सम्मान - डी. लिट., ( केंद्रीय विश्वविद्यालय अमेरिका बोलिविया, साहित्य सेवा के लिए सम्मानित ), विद्या वाचस्पति, साहित्य शिरोमणि, महाराष्ट्र भूषण ( हिंदी विद्यापीठ ) , नेशन बिल्डर अवॉर्ड - रोटरी इंटरनेशनल, नेशनल फैलोशिप अवॉर्ड - भारतीय राष्ट्रीय दलित साहित्य अकादमी, स्वास्थ्य जागरूकता अभियान हेतु गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, जैन मुनि आचार्य महाप्रज्ञ जी के शताब्दी वर्ष के अवसर कविता के योगदान हेतु ब्रिटिश वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टि.

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