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कर्कशा

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कर्कशा जन्मों का कुल पाप पिघल जब जीवन में ढल जाता है तभी कोई कर्कश साथी मिल निज ज्वाला धधकाता है। बात न माने अड़चन ठाने सदाचार को न पहचाने संयमरहित कुवाँणी बोले अपने को सर्वोपरि माने भले गुलाबी रूप ...

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Dr. Maniram Verma
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