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करमजली

4.5
21778

करीब 15 सालों बाद अचानक गोरखपुर जाने का अवसर मिला ...एक रिश्तेदार के यहाँ शादी में .मानसी दी से मिलने की सोच कर ही मन उल्लास से भर गया.कितने दिनों के बाद मिलूंगी उनसे पता नहीं अब कैसी दिखती हैं ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • author
    Manju Gupta
    11 பிப்ரவரி 2021
    Kaash, itni himmat har koi kar paye,par itna aasan nahi hota, ekdum se pati bhi sudhar gaya,beta bahu bhi chale gaye,real life me mujhe nahi lagta ki sab itni aasani se ho sakta hoga
  • author
    03 ஏப்ரல் 2018
    बहुत ही बढ़िया। ऐसे ही खुद को कम मत आंको। बोलना सीखो ओर जरूरत पड़े तो लड़ना भी सीखो। सब को ऊपर उठाना चाहिए।मनोबल बढाना बहुत ही आवश्यक है। उम्दा कहानी। धन्यवाद
  • author
    02 ஏப்ரல் 2018
    बहुत ही सटीक लिखी हुई कहानी। अनिवार्य बातों की ही कहानी में जगह दी गयी है। संशिप्त होने पर भी कहानी विस्तृत रूप से पूर्ण लगती है।
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    Manju Gupta
    11 பிப்ரவரி 2021
    Kaash, itni himmat har koi kar paye,par itna aasan nahi hota, ekdum se pati bhi sudhar gaya,beta bahu bhi chale gaye,real life me mujhe nahi lagta ki sab itni aasani se ho sakta hoga
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    03 ஏப்ரல் 2018
    बहुत ही बढ़िया। ऐसे ही खुद को कम मत आंको। बोलना सीखो ओर जरूरत पड़े तो लड़ना भी सीखो। सब को ऊपर उठाना चाहिए।मनोबल बढाना बहुत ही आवश्यक है। उम्दा कहानी। धन्यवाद
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    02 ஏப்ரல் 2018
    बहुत ही सटीक लिखी हुई कहानी। अनिवार्य बातों की ही कहानी में जगह दी गयी है। संशिप्त होने पर भी कहानी विस्तृत रूप से पूर्ण लगती है।