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कमला-एक अभागिन(2)

4.0
13520

कमला चाय लेकर पहले साशु माँ के कमरे में गई लेकिन उसकी साशु मां कमरे में नहीं मिली,उसने सोचा शायद बाहर आँगन में हों वहाँ भी नहीं मिली फिर सोचा जेठानी जी के कमरे में हों शायद,वहाँ गई तो वह दरवाजे ...

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लेखक के बारे में
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प्रकृति

मेरी कोशिश यही रहती है कि अपनी कल्पनाओं को साकार रूप दे सकूँ,,,,और मैने अपनी लेखनी को किसी भी प्रकार की सीमाओं से नहीं बांध रखा है, जो अच्छा लगता है, बस वही लिखती हूँ,।,,,,,,,,,,

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    राजेंद्र ठाकुर
    14 अप्रैल 2019
    अगले भाग की प्रतीक्षा रहेगी इस भाग मैं कहानी में कोई रोचक बात नही बनी
  • author
    The Stranger "✍️"
    14 अप्रैल 2019
    कहानी का ये भाग बहुत हृदयस्पर्शी लगा। ग्रामीण अंचलों की बहुओं की ससुराल में होनेवाली दुर्दशा का बहुत ही सजीव व मार्मिक चित्रण 👍👍👍👍👍
  • author
    Pooja Arora
    16 अप्रैल 2019
    laajawab kahani ..agle bhag ki pratiksha
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    राजेंद्र ठाकुर
    14 अप्रैल 2019
    अगले भाग की प्रतीक्षा रहेगी इस भाग मैं कहानी में कोई रोचक बात नही बनी
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    The Stranger "✍️"
    14 अप्रैल 2019
    कहानी का ये भाग बहुत हृदयस्पर्शी लगा। ग्रामीण अंचलों की बहुओं की ससुराल में होनेवाली दुर्दशा का बहुत ही सजीव व मार्मिक चित्रण 👍👍👍👍👍
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    Pooja Arora
    16 अप्रैल 2019
    laajawab kahani ..agle bhag ki pratiksha