कमला चाय लेकर पहले साशु माँ के कमरे में गई लेकिन उसकी साशु मां कमरे में नहीं मिली,उसने सोचा शायद बाहर आँगन में हों वहाँ भी नहीं मिली फिर सोचा जेठानी जी के कमरे में हों शायद,वहाँ गई तो वह दरवाजे ...
मेरी कोशिश यही रहती है कि अपनी कल्पनाओं को साकार रूप दे सकूँ,,,,और मैने अपनी लेखनी को किसी भी प्रकार की सीमाओं से नहीं बांध रखा है, जो अच्छा लगता है, बस वही लिखती हूँ,।,,,,,,,,,,
सारांश
मेरी कोशिश यही रहती है कि अपनी कल्पनाओं को साकार रूप दे सकूँ,,,,और मैने अपनी लेखनी को किसी भी प्रकार की सीमाओं से नहीं बांध रखा है, जो अच्छा लगता है, बस वही लिखती हूँ,।,,,,,,,,,,
रिपोर्ट की समस्या
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