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कामना

4.3
511

हमारे रिश्ते के बीच ऊब में डूबते तमाम पुल टूट जाने से पहले खो जाना चाहती हूँ मंझधार में, शायद कभी कभी डूबना, पार लगने से कहीं ज्यादा पुरसुकून होता है, बेपरवाह गुजरने की ख्वाहिश उँगली थामे है उन ...

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लेखक के बारे में
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अंजू शर्मा

[email protected] कुल आठ किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। दो जल्दी ही आने वाली हैं। जिनमें दो कविता संग्रह, पाँच कहानी संग्रह, तीन उपन्यास हैं। बहुत सारे पुरस्कारों से सम्मानित, साहित्य के क्षेत्र में करीब पंद्रह वर्ष से खूब सक्रिय नाम।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    रमेश पाली
    15 सितम्बर 2018
    waah... bahut khoob
  • author
    kartikey
    29 मई 2017
    beautiful lines
  • author
    રામ ગઢવી
    01 दिसम्बर 2016
    very well emotions
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    रमेश पाली
    15 सितम्बर 2018
    waah... bahut khoob
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    kartikey
    29 मई 2017
    beautiful lines
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    રામ ગઢવી
    01 दिसम्बर 2016
    very well emotions