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कलुआ

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कलुआ ही नाम था उसका। इससे अधिक उसके संबंध में कोई नहीं जानता था। मुंबई जैसे शहर में उसे रहने की एक खोली मिल गई थी या फिर यह भी कह सकते हैं कि चाल वालों ने ही चाल चलकर कर एक टीन का फट्टा दिला दिया था, ...