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कली की आज़ादी

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कली की आज़ादी लब खोल दो इन कलियों को आजादी मिल जाए। यूं ना रहो खामोश बेचैन मन को कुछ राहत सी मिल जाए।। कलियां नाजुक देखो कैसे मुस्कुराती हैं खुलकर हंसने दो इनको किसी की ज़िंदगी संवर जाएं।। शाहाना ...