चंदू : माँ ज़ोरों की भूख लगी है कितनी देर लगेगी और ? बिंदिया : बस बेटा पांच मिनट आटा ही गूंद रही हूँ |
चंदू : ठीक है माँ ......अरे माँ देखो तो आज की बारिश से क्या हाल है | पापा कैसे आयेंगे घर आज ? ...
क्योंकि लेखक अपनी भावनाओं को ठीक ढंग से प्रस्तुत नहीं कर सका। फिर भी कहानी ये संदेश देती है की इंसान को हमेशा शुभ बोलना चाहिए, परंतु एक अत्याचार तले दबी व्यक्तित्व से इतनी अपेक्षा अनुचित है, पीड़ित की व्यथा कहीं न कहीं तो निकलेगी ही। एक शराबी और मारपीट करने वाले पिता के प्रति न तो पत्नी न ही बच्चे को ही कोई आसक्ति होगी, एक बच्चा जो अपनी मां से प्रेम करता हो, उस पिता से नफरत ही करेगा जो उसकी माता को मारता पीटता हो।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
क्योंकि लेखक अपनी भावनाओं को ठीक ढंग से प्रस्तुत नहीं कर सका। फिर भी कहानी ये संदेश देती है की इंसान को हमेशा शुभ बोलना चाहिए, परंतु एक अत्याचार तले दबी व्यक्तित्व से इतनी अपेक्षा अनुचित है, पीड़ित की व्यथा कहीं न कहीं तो निकलेगी ही। एक शराबी और मारपीट करने वाले पिता के प्रति न तो पत्नी न ही बच्चे को ही कोई आसक्ति होगी, एक बच्चा जो अपनी मां से प्रेम करता हो, उस पिता से नफरत ही करेगा जो उसकी माता को मारता पीटता हो।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या