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काली जुबान

3.6
22068

चंदू : माँ ज़ोरों की भूख लगी है कितनी देर लगेगी और ? बिंदिया : बस बेटा पांच मिनट आटा ही गूंद रही हूँ | चंदू : ठीक है माँ ......अरे माँ देखो तो आज की बारिश से क्या हाल है | पापा कैसे आयेंगे घर आज ? ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    RAM KUMAR AAZAD
    20 ഒക്റ്റോബര്‍ 2017
    एक स्त्री को लज्जित करती कहानी कहानी का सार जो कहना चाहता है वो घटिया मानसिकता का द्योतक है
  • author
    कोमल राजपूत
    27 മെയ്‌ 2018
    ye bht sahi hai ke pati se pit lo uski galliya kha lo or ushe kuch ho jye to uska rona b apne sir pr hi le lo...
  • author
    Amit Jain
    16 ഏപ്രില്‍ 2021
    क्योंकि लेखक अपनी भावनाओं को ठीक ढंग से प्रस्तुत नहीं कर सका। फिर भी कहानी ये संदेश देती है की इंसान को हमेशा शुभ बोलना चाहिए, परंतु एक अत्याचार तले दबी व्यक्तित्व से इतनी अपेक्षा अनुचित है, पीड़ित की व्यथा कहीं न कहीं तो निकलेगी ही। एक शराबी और मारपीट करने वाले पिता के प्रति न तो पत्नी न ही बच्चे को ही कोई आसक्ति होगी, एक बच्चा जो अपनी मां से प्रेम करता हो, उस पिता से नफरत ही करेगा जो उसकी माता को मारता पीटता हो।
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    RAM KUMAR AAZAD
    20 ഒക്റ്റോബര്‍ 2017
    एक स्त्री को लज्जित करती कहानी कहानी का सार जो कहना चाहता है वो घटिया मानसिकता का द्योतक है
  • author
    कोमल राजपूत
    27 മെയ്‌ 2018
    ye bht sahi hai ke pati se pit lo uski galliya kha lo or ushe kuch ho jye to uska rona b apne sir pr hi le lo...
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    Amit Jain
    16 ഏപ്രില്‍ 2021
    क्योंकि लेखक अपनी भावनाओं को ठीक ढंग से प्रस्तुत नहीं कर सका। फिर भी कहानी ये संदेश देती है की इंसान को हमेशा शुभ बोलना चाहिए, परंतु एक अत्याचार तले दबी व्यक्तित्व से इतनी अपेक्षा अनुचित है, पीड़ित की व्यथा कहीं न कहीं तो निकलेगी ही। एक शराबी और मारपीट करने वाले पिता के प्रति न तो पत्नी न ही बच्चे को ही कोई आसक्ति होगी, एक बच्चा जो अपनी मां से प्रेम करता हो, उस पिता से नफरत ही करेगा जो उसकी माता को मारता पीटता हो।