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काकी

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उस दिन बड़े सवेरे श्यामू की नींद खुली तो उसने देखा कि घर भर में कुहराम' मचा हुआ है। उसकी माँ नीचे से ऊपर तक एक कपड़ा ओढ़े हुए कंबल पर भूमि-शयन कर रही है और घर के सब लोग उसे, घेरकर बैठे बड़े करुण ...

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Anuradha Sriavstava
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