pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

कजाकी

4.6
7518

मेरी बाल-स्मृतियों में 'कजाकी' एक न मिटने वाला व्यक्ति है। आज चालीस साल गुजर गये; कजाकी की मूर्ति अभी तक आँखों के सामने नाच रही है। मैं उन दिनों अपने पिता के साथ आजमगढ़ की एक तहसील में था। कजाकी जाति ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    HRIDAYA NAND SINGH
    28 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2021
    इसीलिए हिन्दी साहित्य मे प्रेमचन्द जी के कोई आसपास भी नही है।
  • author
    Soni Priyanka
    08 ಮಾರ್ಚ್ 2021
    प्रेमचंद की रचना में हर तरह के भाव हैं, एक बालक के निच्छल प्रेम की कहानी।
  • author
    08 ನವೆಂಬರ್ 2018
    कजाकी की वापसी और मून्नू का चला जाना खुशी और शोक का अद्भुत मिश्रण है।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    HRIDAYA NAND SINGH
    28 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2021
    इसीलिए हिन्दी साहित्य मे प्रेमचन्द जी के कोई आसपास भी नही है।
  • author
    Soni Priyanka
    08 ಮಾರ್ಚ್ 2021
    प्रेमचंद की रचना में हर तरह के भाव हैं, एक बालक के निच्छल प्रेम की कहानी।
  • author
    08 ನವೆಂಬರ್ 2018
    कजाकी की वापसी और मून्नू का चला जाना खुशी और शोक का अद्भुत मिश्रण है।