कैसे झेल पाए . समर्पित सुशांत सिंह द्वारा शशि कांत जुनेजा इश्क़ ही आबाद कर दे इश्क़ ही बर्बाद . बावरा मन ना समझे भुलाना पाए याद. इश्क़ ही आबाद करदे ... क्या पाया क्या खोया इन्तहा सी होगई . ...
कैसे झेल पाए . समर्पित सुशांत सिंह द्वारा शशि कांत जुनेजा इश्क़ ही आबाद कर दे इश्क़ ही बर्बाद . बावरा मन ना समझे भुलाना पाए याद. इश्क़ ही आबाद करदे ... क्या पाया क्या खोया इन्तहा सी होगई . ...